21 जनवरी को होगा पूर्ण चंद्र ग्रहण
न्यूज18 के मुताबिक 21 जनवरी को होने वाले चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिकों ने सुपर ब्लड वूल्फ मून नाम दिया है. यह केवल अफ्रीका, यूरोप,उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में ही दिखाई देगा.
सूरज और चांद के बीच जब धरती आ जाती है तो इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. जब चांद धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है. वहीं जैसे-जैसे चांद धरती के नजदीक आता है तो उसका रंग और भी चमकीला और गहरा हो जाता है.
नासा ने भविष्यवाणी की है कि समग्रता 20 जनवरी को रात 9:12 बजे होगी और लगभग एक घंटे तक रहेगी. पूरा अनुभव, ग्रहण की शुरुआत से अंत तक, तीन घंटे और 17 मिनट तक रहेगा
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के चंद्र ग्रहण में चांद सामान्य दिनों की तुलना में 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी से ज्यादा चमकीला नजर आता है. जिसके कारण चांद सुर्ख लाल (गहरा भूरा) रंग का हो जाता है. रात के अंधेरे में यह नजारा काफी अद्भुत होता है. जिसके कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है.
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